विजेची बचत

127

*स्वरचित अभंग*

 

विजेची बचत

 

विजेची बचत | गरज काळाची |

प्रगती देशाची | त्याने घडे ||१||

 

घरोघर आहे | साहित्य विजेची |

आधुनिकतेची | कसोटी ती ||२||

 

लाईट व पंखे | दूरचित्रवाणी |

यंत्र शुद्ध पाणी | झाले बहु ||३||

 

गरज नसता | बंद ठेवा सारे |

उगाचच का रे | वीज खर्च ||४||

 

हिच देशसेवा | बचतीचा वसा |

प्रत्येक माणसा | करा सक्ती ||५||

 

भारनियमन | कुणास आवडे |

वागता का वेडे | परी ऐसे ||६||

 

सावध रहावे | नको वीज चोरी |

कुणाची मुजोरी | कशासाठी ||७||

 

एकाच्या चुकीची | सर्वा होई शिक्षा |

कशाला परीक्षा | हो विषाची ||८||

 

धक्का हा विजेचा | न लागो कुणास |

सावधपणास | तुम्ही जागा ||९||

 

बचतीचा मंत्र | निश्चय मनात |

जागृती जनात | करू सारे ||१०||

 

अरविंद कुळकर्णी

मलकापूर

जिल्हा – बुलडाणा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here